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बनना है तो कमी बनो

 इंसान वही  समझदार  जो गिरकर  संभल जाए,
वो पसंद ही क्या  जो वक़्त के साथ बदल जाए।

वो मग़रूर है जो  ज़रा सी दौलत पा उछल जाए,
बच्चे का तो  काम है  बात बात पर मचल जाए।

वक़्त आपका है तो खोटा सिक्का भी चल जाए,
ग़र वक़्त आपका नहीं तो कोई भी कुचल जाए।

रिश्तों की डोर कच्ची, कब मुट्ठी से फिसल जाए,
प्यार से संजोया रिश्ता कब हाथ से निकल जाए।

शोहरत ऐसी हो कि हर कोई देखकर जल जाए।
अपनापन ऐसा  हो  कि पत्थर दिल पिघल जाए।

"निक्क" बनना है तो कमी बनो, जो खल जाए,
दुनिया की चकाचौंध  वक़्त  के साथ ढल जाए।

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17 Comments

Babita patel

23-Mar-2023 02:36 PM

nice

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Abhinav ji

21-Mar-2023 08:06 AM

Very nice 👌

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nikksinghnikhil

21-Mar-2023 09:13 AM

Thank you

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Wahhhh बहुत ही उम्दा और खूबसूरत सृजन

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nikksinghnikhil

21-Mar-2023 09:14 AM

जी धन्यवाद आपका

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